Mukhyamantri Krishak Durghatna Kalyan Yojana | मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना ऑनलाइनआवेदन | उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण स्कीम आवेदन फॉर्म | उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की पात्रता
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ जी के द्वारा शुरू करने जा रहे है । इस योजना के अंतर्गत राज्य के किसान किसी दुर्घटना का शिकार हुए है उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी । UP Mukhyamantri Krishak Durghatna Kalyan Yojana के अंतर्गत राज्य के किसी किसान की दुर्घटना में मृत्यु हो (A farmer dies in an accident ) जाती है तो उन्हें सरकार द्वारा उसके परिवार को 5 लाख रूपये तक का मुआवज़ा (His family will be compensated up to Rs 5 lakh ) दिया जायेगा और 60 फीसदी से अधिक दिवांग्यता पर अधिकतम 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
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Mukhyamantri Krishak Durghatna Kalyan Yojana 2022
उत्तर प्रदेश के किसानो को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस योजना को मंगलवार 21 जनवरी 2020 को लखनऊ में हुई केबिनेट की बैठक में मंज़ूरी दे दी गयी है । इस योजना का संचालन जिलाधिकारियों के माध्यम से किया जायेगा । Mukhyamantri Krishak Durghatna Kalyan Yojana 2022 के अंतर्गत जो किसान 14 सितम्बर 2019 के बाद किसी दुर्घटना में शिकार हुए है उन्हें इस योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा । इस योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के 2 करोड़ किसानो को उपलब्ध (2 crore farmers of Uttar Pradesh will be made available ) कराया जायेगा । आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से इस योजना से जुडी सभी जानकारी प्रदान करने जा रहे है ।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना समीक्षा
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत जिला अधिकारी जगजीत कौर ने 18 में से 4 दावों को स्वीकार कर लिया है, 6 दावों को निरस्त कर दिया है तथा 8 दावों को अपूर्ण होने के कारण पेंडिंग कर दिया है। वह सभी लाभार्थी जो इस योजना के पात्र हैं उन्हें इस योजना का लाभ पहुंचाया जाएगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान भाइयो को राज्य का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है और उनकी मुख्य इनकम खेती से आनी चाहिए। इसके अलावा किसान की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
यदि किसान के पास अपनी जमीन नहीं है और वह किसी और की जमीन पर खेती करता है और उसकी किसी दुर्घटना के कारण मृत्यु हो जाती है या फिर वह किसी दुर्घटना के कारण दिव्यांग हो जाता है तो वह भी Mukhyamantri Krishak Durghatna Kalyan Yojana का लाभ उठा सकता है। जिलाधिकारी यह भी आश्वासन दिया है कि पेंडिंग दावों को किसी भी स्थिति में लंबित नहीं रखा जाएगा।
Mukhyamantri Krishak Durghatna Kalyan Yojana 2022 Highlights
योजना का नाम | मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना |
इनके द्वारा शुरू की गयी | मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी |
उद्देश्य | राज्य के किसानो को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना |
ऑफिसियल वेबसाइट | अभी नहीं |
उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण स्कीम ऑनलाइन आवेदन
यूपी के खातेदार /सह खातेदार किसने जिनकी मृत्यु किसी दुर्घटना में हो जाती है तो किसानो के परिवार इस योजना के पात्र माने जायेगे । राज्य के जो इच्छुक लाभार्थी इस योजना का लाभ उठाना चाहते है तो उन्हें इस योजना के तहत आवेदन करना होगा । उत्तर प्रदेश कृषक दुर्घटना कल्याण स्कीम का कार्यन्वयन ऑनलाइन तरीके के माध्यम से किया जायेगा जिससे योजना के आवेदन में पूरी तरह से पारदर्शिता आएगी । इस योजना के अंतर्गत मैन्युअल आवेदन भी स्वीकार किये जायेगे । इस योजना में बटाईदार भी शामिल होंगे, जो अन्य व्यक्तियों के खेतों में काम करते हैं और फसल कटने के बाद फसल को साझा करते हैं |
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का उद्देश्य
जैसे की आप लोग जानते है कि किसानो की जीविका का साधन कृषि है अगर किसानो को दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है या दुर्घटना में किसानो को कोई हानि हो जाती है तो उनके परिवार की जीविका के लिए कोई साधन नहीं होता है इस समस्या को निपटने के लिए राज्य सरकार इस योजना को शुरू करने का फैसला लिया है इस मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत किसी किसान की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उनके परिवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5 लाख रूपये तक का मुआवज़ा प्रदान करना । इस योजना के तहत राज्य के सभी किसानो को शामिल किया जायेगा । Uttar Pradesh Krishak Durghatna Kalyan Scheme में, आकस्मिक मृत्यु / विकलांगता से पीड़ित सभी किसानों को मुआवजा दिया जाएगा |
यूपी कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में कौन कौन सी दुर्घटना शामिल है
- आग लगने, बाढ़, बिजली गिरने, करंट लगने
- सर्पदंश , जीव-जंतु व जानवर के काटने, मारने व आक्रमण से
- हत्या ,आतंकवादी हमला ,लूट , डकैती , मारपीट में हुई वाली दुर्घटना
- समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर व कुएं में डूबने से
- रेल ,सड़क और हवाई यात्रा के दौरान होने वाली दुर्घटना
- आंधी-तूफान, वृक्ष से गिरने, दबने व मकान गिरने
- आकाश से बिजली गिरने , आग लगने , बाढ़ आदि में होने वाली दुर्घटना
- सीवर चैंबर में गिरना
Krishak Durghatna Kalyan Yojana 2022 में दी जाने वाली सहायता धनराशि
- दोनों हाथ अथवा दोनों पैर अथवा दोनों आंख की क्षति – 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता
- एक हाथ तथा पैर की क्षति होने पर – 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता
- एक आंख ,एक पैर अथवा एक पैर की क्षति होने पर – 50 प्रतिशत
- दुर्घटना में मृत्यु होने पर अथवा पूर्ण शारीरिक अक्षमता – 100 प्रतिशत
- स्थायी दिव्यांगता 50 प्रतिशत से अधिक लेकिन 100 प्रतिशत से कम – 50 प्रतिशत
- ऐसी स्थायी विकलांगता जो 25 % से अधिक है लेकिन 50 % से कम – 25 प्रतिशत
Uttar Pradesh Krishak Durghatna Kalyan Scheme की पात्रता
- इस योजना का लाभ उन किसानो को प्रदान किया जायेगा जो उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी होंगे ।
- इस योजना के अंतर्गत उन किसानो को पात्र माना जायेगा जिनकी आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होगी ।
- प्रदेश की खतौनी में दर्ज खातेदार /सह खातेदार जो दुर्घटना में मृत्यु अथवा विकलांगता के शिकार हो जाते है उनके माता पिता ,पति पत्नी ,पुत्र पुत्री , पुत्र वधु , पौत्र पोत्री, जिनकी आजीविका का प्रमुख साधन खातेदार /सह खातेदार की दर्ज कृषि भूमि से चलती है वह इस योजना के तहत पात्र होंगे ।
- इसके अलावा ऐसे किसान जिनके पास स्वय की भूमि नहीं है तथा वह बटाई अथवा पटटे पर खेती करते है वह तथा उनके आश्रितों को भी कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ दिया जायेगा ।
महत्वपूर्ण दस्तावेज
- खतौनी की प्रमाणित प्रति
- रजिस्टर्ड निजी पट्टेदार हेतु प्रस्तर् 3(क) के अनुसार पट्टे की प्रमाणित प्रति
- बटाईदार हेतुप्रस्तर् 3(ख) के अनुसार कोई एक प्रमाण पत्र
- आयु का प्रमाण
- निवास का प्रमाण
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट अथवा जहां पर पोस्टमार्टम संभव नहीं है वहां पर पंचनामा
- मृत्यु प्रमाण पत्र
- दिव्यांग का की स्थिति में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र
- उत्तराधिकार प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की छायाप्रति
- मोबाइल नंबर
- आधार कार्ड
मुख्यमंत्री कृषि दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया
- सर्वप्रथम आपको यहां दिए गए फॉर्म को डाउनलोड करना होगा।
- इसके पश्चात आपको इस फॉर्म में पूछी गई सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, पता, दिनांक, थाना, तहसील, जनपद, दुर्घटना का कारण आदि से संबंधित जानकारी दर्ज करनी होगी।
- अब आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को इस फॉर्म से अटैच करना होगा।
- इसके पश्चात आपको यह फॉर्म संबंधित तहसील में जमा करना होगा।
- आवेदन पत्र दुर्घटना के डेढ़ माह की अवधि के अंदर भरना अनिवार्य है।
- अपरिहार्य परिस्थिति में जिलाधिकारी द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने की अवधि 1 माह तक बढ़ाई जा सकती है।
- आवेदन करने की अवधि किसी भी दशा में ढाई माह से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकती।
- इस प्रकार आप मुख्यमंत्री कृषि दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत आवेदन कर पाएंगे।
आवेदन पत्र के निस्तारण की प्रक्रिया
- दुर्घटना होने की स्थिति में कृषक के वारिस को आवेदन पत्र निर्धारित अवधि के अंदर जमा करना होगा।
- यह आवेदन पत्र तहसील कार्यालय में जमा किया जाएगा।
- आवेदन पत्र की प्राप्ति की रसीद आवेदक को दी जाएगी।
- आवेदन पत्र में दी गई सूचनाओं का सत्यापन संबंधित तहसीलदार द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारी के माध्यम से किया जाएगा।
- 2 सप्ताह के भीतर आवेदन पत्र उप जिलाधिकारी को प्रेषित किया जाएगा।
- सभी अभिलेखों की छाया प्रति एवं आवेदन पत्र की छाया प्रति तहसील कार्यालय में संरक्षित की जाएगी और उसका विवरण तहसील कार्यालय के रजिस्टर या कंप्यूटर में भी संरक्षित किया जाएगा।
- उप जिलाधिकारी सभी पात्र अपात्र लाभार्थियों की पहचान करने के लिए री चेकिंग करेंगे।
- संतुष्ट होने पर 1 सप्ताह के भीतर आवेदन पत्र जिलाधिकारी को निस्तारण के लिए प्रेषित किया जाएगा।
- उप जिलाधिकारी के स्तर पर किया गया क्रॉस वेरिफिकेशन थर्ड पार्टी चेक के रूप में माना जाएगा।
- जिलाधिकारी कार्यालय में आवेदन पत्र प्राप्त होने से बाद 1 सप्ताह के अंदर आवेदन पत्र का परीक्षण कर नियमानुसार लाभ की राशि का भुगतान किया जाएगा।
- यह भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा।
- जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा आवेदन पत्र की स्वीकृति या फिर अस्वीकृत होने की सूचना उप जिला अधिकारी, तहसील को भी प्रदान की जाएगी।
- इस प्रकार एक माह के अंदर अंदर प्रस्तुत आवेदन पत्र का भुगतान किया जाएगा।
- इस योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए जिलाधिकारी तथा मंडल आयुक्त द्वारा आवेदन पत्रों का निस्तारण की नियमित रूप से मासिक समीक्षा की जाएगी।
- योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए वेब पोर्टल भी विकसित किया जाएगा।
- जब तक यह वह पोर्टल तैयार नहीं होता तब तक आवेदन पत्र सीधे संबंधित तहसील में जमा किए जाएंगे।
- प्रदेश के समस्त जनपदों के आवेदन पत्रों से संबंधित समस्त सूचनाएं जनपद द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी।
- पोर्टल लागू होने के बाद ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन किए जा सकेंगे।
बजटीय व्यवस्था एवं प्रशासनिक व्यय
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना के कार्यान्वयन के लिए सन 2021-22 के लिए 175 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है।
- प्रत्येक वित्तीय वर्ष में नियम अनुसार बजट में से इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली आर्थिक सहायता की व्यवस्था कराई जाएगी।
- तहसील, जनपद तथा राजस्व परिषद स्तर पर इस योजना के कार्यान्वयन के लिए प्रशासनिक व्यय हेतु धनराशि की आवश्यकता होगी। उक्त धनराशि को कार्यालयव्यय, यात्रा व्यय, प्रशिक्षण हेतु यात्रा आदि के लिए प्रयोग किया जाएगा।
- प्राप्त हुई बजट की धनराशि वित्तीय नियमों के अनुसार जिलाधिकारियों को प्रदान की जाएगी।
- जिला अधिकारियों द्वारा यह धनराशि कृषक या फिर उनके वारिसों को सत्यापन के बाद प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत पट्टेदार/बटाईदार का चयन
पट्टेदार का चयन – पत्तेदार का चयन करने के लिए रजिस्टर्ड पट्टे की प्रमाणित प्रति जमा करना अनिवार्य है। इस प्रति के माध्यम से ही पट्टेदार का चयन किया जाएगा।
बटाईदार का चयन – बटाईदार के चयन के लिए नीचे दिए गए दोनों प्रमाण पत्र में से कोई एक प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य होगा।
- भूस्वामी या फिर उनके वारिस से इस विषय में प्रमाण पत्र लिया जाएगा कि मृत या दिव्यांग होने वाले व्यक्ति द्वारा फसली वर्ष में जमीन पर बटाई पर कृषि कार्य किया गया है।
- यदि भूस्वामी उपलब्ध नहीं है तो ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाएगा जिसमें यह लिखा होगा कि मृत या दिव्यांग होने वाले व्यक्ति फसली वर्ष में जमीन पर बटाई पर कृषि कार्य किया है। इस प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर एवं मोहन होना आवश्यक है।
Note: ऊपर उल्लेखित किए गए प्रमाण पत्र केवल कृषि की दुर्घटना से मृत्यु या दिव्यांग होने की दशा में ही सहायता राशि प्रदान करने के लिए मान्य होंगे। यह प्रमाण पत्र किसी अन्य प्रयोजन हेतु या फिर भूमि के स्वामित्व आदि के दावे के लिए मान्य नहीं है। मृत्यु या दिव्यांगता की तिथि मैं आवेदक की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।