Rashtriya Poshan Maah 2023: 5वां राष्ट्रीय पोषण माह शुरू हुआ, उद्देश्य/ लाभ जाने


Rashtriya Poshan Maah Benefits | 5वां राष्ट्रीय पोषण माह कब से कब तक मनाया जाएगा | 5th Rashtriya Poshan Abhiyan 2023 | राष्ट्रीय पोषण अभियान


कुपोषित बच्चों को उचित आहार देने तथा उन्हें कुपोषण से बचाने के लिए हर संभव इंतजाम किए जाते हैं। ताकि राष्ट्र में कोई बच्चा कुपोषण का शिकार ना हो इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय राष्ट्रीय पोषण माह 2023 के तहत कुपोषण को दूर करने के लिए गांव से लेकर शहर तक 5वां राष्ट्रीय पोषण माह 2023 मनाया जाएगा। Rashtriya Poshan Maah 1 से 30 सितंबर के बीच आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन का लक्ष्य आम जनता के बीच पोषण को लेकर जागरूकता पैदा करना होता है। यह अभियान अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किया गया था। राष्ट्रीय पोषण माह केंद्र सरकार पोषण अभियान का हिस्सा है। तो आज हम आपको इस लेख में Rashtriya Poshan Abhiyan 2023 के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराएंगे। 

Rashtriya Poshan Maah

Rashtriya Poshan Maah 2023

1 सितंबर 2022 से Rashtriya Poshan Maah शुरू होगा। कुपोषण से लड़ने के लिए Rashtriya Poshan Abhiyan मनाया जा रहा है। पोषण माह के अंतर्गत 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों, शिशुओं को दूध पिलाने वाली माताओं एवं गर्भवती महिलाओं में पोषण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए इस योजना का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय पोषण माह 2023 के तहत राज्य स्तर पर पारंपारिक भोजन को इस कार्यक्रम में आयोजित किया जाएगा। अम्मा की रसोई अभियान के माध्यम से खाद्य पदार्थों एवं पारंपरिक व्यंजनों को इस आयोजन में शामिल किया जाएगा। केंद्र मंत्रालय की योजना पांचवी राष्ट्रीय पोषण माह के तहत ग्राम पंचायतों को पोषण पंचायत के रूप में जोड़ने की है। गर्भवती महिलाओं के वजन का डाटा इकट्ठा किया जाएगा। बच्चे और मां के पोषण के लिए पशुपालन विभाग की तरफ से एक गाय उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार द्वारा मां और बच्चे को पोषण की पूर्ति करने के लिए राशन उपलब्ध कराया जाएगा।

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5वां राष्ट्रीय पोषण माह 2023 के विशेष बिंदु

  • 5 वां राष्ट्रीय पोषण माह 2023 में गर्भवती महिलाओं, 6 साल से कम उम्र के बच्चों एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर पोषण से संबंधित विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • इसके अलावा उन्हें आउट्विट कार्यक्रमों, संवेदीकरण अभियान अभियान एवं शिविरों के माध्यम से पोषण के महत्व को बताया जाएगा।
  • राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्र बच्चों को खेलने और पढ़ने के लिए स्थानीय एवं पारंपरिक खिलौनों को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • बच्चों को पढ़ने एवं खेलने के लिए राष्ट्रीय स्तर की खिलौना निर्माण कार्यशाला को भी आयोजित किया जाएगा।
  • इस कार्यक्रम का संचालन करने के लिए जिला पंचायती अधिकारियों, स्थानीय अधिकारियों द्वारा पंचायत स्तर पर पोषण जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएगी।
  • पारंपारिक व्यंजनों को एक विशेष अभियान अम्मा की रसोई के माध्यम से आयोजित किया जाएगा जिसमें पारंपारिक एवं खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाएगा।
  • इस आयोजन में आदिवासी क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केंद्रों पर मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए पारंपारिक खाद्य पदार्थों से संबंधित जानकारी एवं महिलाओं के बीच वर्षा जल संचयन के महत्व पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • राष्ट्रीय पोषण माह के तहत मंत्रालय की योजना ग्राम पंचायतों को पोषण पंचायत के रूप में जोड़ने की है।

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Rashtriya Poshan Abhiyan का उद्देश्य

5 वां राष्ट्रीय पोषण माह का उद्देश्य आम जनता के बीच पोषण को लेकर जागरूकता पैदा करना है। ताकि मां और बच्चे दोनों को कुपोषण होने से बचाया जा सके और स्वास्थ्य सुरक्षा का पोषण करने वाली प्राथमिकता को विकसित किया जा सके। इसी के साथ गर्भवती एवं शिशु को दूध पिलाने वाली महिलाओं की पहचान कर उन सभी तक आंगनवाड़ी द्वारा पोषण खाद्य पदार्थ प्रदान किए जाएंगे। ग्राम पंचायत, ग्राम विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग द्वारा पोषण से संबंधित जागरूकता गतिविधियां संचालित की जाएगी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पोषण अभियान का लक्ष्य बच्चे और मां के स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने एवं पोषण में वृद्धि करना है। आंगनवाड़ी में बच्चों को सीखने सिखाने के लिए खिलौनों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

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Rashtriya Poshan Maah के लाभ

  • राष्ट्रीय पोषण माह के तहत 1 से 30 सितंबर 2022 के बीच 5 वां राष्ट्रीय पोषण माह शुरू होगा।
  • राष्ट्रीय पोषण माह का लाभ 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों, शिशुओं को दूध पिलाने वाली माताओं एवं गर्भवती महिलाओं को प्राप्त होगा।
  • 5 वां राष्ट्रीय पोषण माह के तहत बच्चों एवं माताओं के लिए पारंपरिक व्यंजनों का आयोजन किया जाएगा।
  • एक विशेष अभियान अम्मा की रसोई के माध्यम से खाद्य पदार्थों एवं पारंपरिक व्यंजनों को इसमें शामिल किया जाएगा।
  • बच्चों के लिए खिलौना बनाने की कार्यशाला के अंतर्गत बच्चों को सीखने सिखाने के लिए स्थानीय व पारंपरिक खिलौनों को शामिल किया जाएगा।
  • कुपोषण को दूर करने के लिए ग्राम पंचायत, ग्राम विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग का सहयोग लिया जाएगा।
  • गर्भवती महिलाओं के वजन का डाटा इकट्ठा किया जाएगा जिसके आधार पर उन्हें राशन उपलब्ध कराया जाएगा।
  • कुपोषित बच्चे के परिवार को पशुपालन विभाग की तरफ से गाय उपलब्ध कराई जाएगी।
  • महिला के स्वास्थ्य तथा बच्चे और शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा।

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