यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना 2021: डाउनलोड नलकूप योजना आवेदन फॉर्म

UP Nishulk Boring Yojana Apply Online | यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन | डाउनलोड नलकूप योजना | UP Free Boring Yojana Application Form

जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं सिंचाई के लिए किसानों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। किसानों के पास बोरिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है जिसके कारण वह अपनी फसल की सही ढंग से सिंचाई नहीं कर पाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से किसानों के खेत में बोरिंग की व्यवस्था की जाएगी। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से इस योजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे है। जैसे कि इसका उद्देश्य, लाभ, विशेषताएं, पात्रता, महत्वपूर्ण दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया आदि। तो दोस्तों यदि आप यूपी निशुल्क बोरिंग योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आप से निवेदन है कि आप हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े।

Table of Contents

UP Free Boring Yojana 2021

सन 1985 में प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों को बोरिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना का शुभारंभ किया गया था। इस योजना के माध्यम से सामान्य जाति एवं अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु एवं सीमांत कृषकों को सिंचाई हेतु बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। बोरिंग के लिए पंप सेट की व्यवस्था करने के लिए किसान द्वारा बैंक से ऋण की प्राप्ति भी की जा सकती है। सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमांत कृषको को इस योजना का लाभ तभी प्रदान किया जाएगा जब उनके पास न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर है। 0.2 हेक्टेयर से कम जोत वाले सामान्य श्रेणी कृषकों को इस योजना का लाभ नहीं प्रदान किया जाएगा। यदि कृषकों के पास 0.2 हेक्टेयर से कम जोत है तो किसान इस योजना का लाभ कृषकों को समूह बनाकर प्राप्त कर सकते हैं।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लघु एवं सीमांत किसानों के लिए कोई न्यूनतम जोत सीमा निर्धारित नहीं की गई है। प्रदेश के पठारी क्षेत्रों में जहां हैंड बोरिंग सेट से बोरिंग किया जाना संभव नहीं होगा वहां इनवेल या वैगन ड्रिल मशीन से बोरिंग कराने की अनुमति प्रदान की जाएगी। इस स्थिति में कृषकों को अनुमन्य सीमा तक ही अनुदान देय होगा। अतिरिक्त आय व्यय का भार कृषक द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा।

यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना का उद्देश्य

यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के किसानों को मुफ्त बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाना है। जिससे कि प्रदेश के किसान सिंचाई कर सकें। यह योजना खेत की गुणवत्ता बढ़ाने में भी कारगर साबित होगी। इस योजना के माध्यम से किसानों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा। इसके अलावा यह योजना किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए भी कारगर साबित होगी। सरकार इस योजना के माध्यम से किसानों को निशुल्क बोरिंग की सुविधा प्रदान करेगी। जिससे कि किसान अपने खेत में सिंचाई कर सकेंगे। प्रदेश के किसानों को पानी की कमी के कारण सिंचाई ना करने की समस्या से भी राहत मिलेगी।

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Key Highlights Of UP Free Boring Yojana

योजना का नामयूपी निःशुल्क बोरिंग योजना
किसने आरंभ कीउत्तर प्रदेश सरकार
लाभार्थीउत्तर प्रदेश के किसान
उद्देश्यनिशुल्क बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाना
आधिकारिक वेबसाइटयहां क्लिक करें
साल2021
राज्यउत्तर प्रदेश
आवेदन का प्रकारऑनलाइन/ऑफलाइन

यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना के लाभ तथा विशेषताएं

  • सन 1985 में प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों को बोरिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा UP Nishulk Boring Yojana का शुभारंभ किया गया है।
  • इस योजना के माध्यम से सामान्य जाति एवं अनुसूचित जाति, जनजाति के लघु एवं सीमांत किसानों को सिंचाई के लिए बोरिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
  • बोरिंग के लिए पंप सेट की व्यवस्था करने के लिए किसान द्वारा बैंक से ऋण की प्राप्ति भी की जा सकती है।
  • सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमांत कृषकओ को इस योजना का लाभ तभी प्रदान किया जाएगा जब उनके पास न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर है।
  • 0.2 हेक्टेयर से कम जोत वाले सामान्य श्रेणी कृषकों को इस योजना का लाभ नहीं प्रदान किया जाएगा।
  • यदि कृषकों के पास 0.2 हेक्टेयर से कम जोत है तो इस योजना का लाभ कृषक के द्वारा समूह बनाकर प्राप्त किया जा सकता है।
  • अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए कोई न्यूनतम जोत सीमा निर्धारित नहीं की गई है।

यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत अनुमन्य अनुदान

कृषक की श्रेणीअनुमन्य अनुदानअनुमन्य अनुदान
 बोरिंग निर्माण हेतुपंपसेट स्थापना हेतु
सामान्य श्रेणी के लघु कृषकअधिकतम ₹3000 प्रति बोरिंगयूनिट कास्ट ₹11300 का 25% अधिकतम ₹2800 प्रति पंप सेट
सामान्य श्रेणी के सीमांत कृषकअधिकतम ₹4000 प्रति बोरिंगयूनिट कास्ट ₹11300 का 33% अधिकतम ₹3750 प्रति पंप सेट
अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु/सीमांत कृषकअधिकतम ₹6000 प्रति बोरिंगयूनिट कास्ट ₹11300 का 50% अधिकतम ₹5650 प्रति पंप सेट

Note: बुंदेलखंड के उल्लेखनीय जनपद में चिन्हित हुए विकास खंडों में बोरिंग निर्माण के लिए विकासखंड वार अनुदान वास्तविक व्यय अथवा  ₹4500 से ₹7000 जो भी कम हो अनुमन्य होगा एवं अतिरिक्त अनुदान की राशि बुंदेलखंड विकास खंड निधि द्वारा वाहन की जाएगी। इसके अलावा सामान्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों के लिए यदि बोरिंग की निर्धारित सीमा से बोरिंग की लागत अधिक आती है तो अतिरिक्त व्यय संबंधित लाभार्थी द्वारा प्रचलित प्रक्रिया के अनुसार स्वयं वहन किया जाएगा।

यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत लक्ष्यों का निर्धारण

  • लक्ष्य की प्राप्ति प्रत्येक वर्ष जनपद वार लक्ष्य शासन स्तर पर उपलब्ध कराए गए धनराशि के माध्यम से किया जाएगा।
  • ग्राम पंचायत के लक्ष्यों का निर्धारण क्षेत्र पंचायत द्वारा किया जाएगा।
  • लक्ष्य से 25% से अधिक की संख्या में लाभार्थी ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम जल संसाधन समिति की सहमति से उपरोक्त अनुसार चयनित किए जाएंगे।
  • चयनित लाभार्थियों की सूची विकास अधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी।

लाभार्थियों का चयन

  • सभी पात्र लाभार्थियों को चयन उनकी पात्रता के अनुसार किया जाएगा।
  • इस योजना का लाभ उन किसानों को नहीं प्रदान किया जाएगा जो पूर्व में किसी सिंचाई योजना के अंतर्गत लाभवंती हुए हैं।
  • इसके अलावा वर्ष 2000 -01 मैं विभाग द्वारा लघु सिंचाई कार्यों का सेंसस करवाया गया है। इस सेंसस के माध्यम से ऐसे कृषकों की सूची तैयार की गई है जिन की भूमि असिंचित है। इस सूची में आय कृषकओ पर खास ध्यान दिया जाएगा।
  • ग्राम पंचायत द्वारा एक अंतिम बैठक का आयोजन किया जाएगा जिसमें लाभार्थियों की सूची तैयार की जाएगी।
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यूपी निःशुल्क बोरिंग योजना की प्राथमिकताएं एवं प्रतिबंध

  • बोरिंग के समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि जहां बोरिंग की जा रही है वहां खेती है या नहीं।
  • बोरिंग के स्थान पर खेती होना अनिवार्य है।
  • अतिदोहित/क्रिटिकल विकास खंडों में कार्य नहीं किया जाएगा।
  • बोरिंग के संबंध में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि प्रस्तावित पंपसेट से लगभग 3 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि की सिंचाई हो सके।
  • वह विकास खंड जो सेमी क्रिटिकल कैटेगरी में है उनमें नाबार्ड द्वारा स्वीकृत सीमा के अंतर्गत ही चयन किया जाएगा।
  • पंपसेट के मध्य दूरी नाबार्ड द्वारा जनपद विशेष के लिए निर्धारित दूरी से कम नहीं होनी चाहिए।
  • समग्र ग्राम विकास योजना एवं नक्सल प्रभावित समग्र ग्राम विकास योजना के अंतर्गत चयनित किए गए ग्रामों में सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर बोरिंग का कार्य किया जाएगा।
  • उपलब्ध धनराशि से समग्र ग्राम विकास योजना एवं नक्सल प्रभावित समग्र ग्राम विकास योजना के ग्रामों को सर्वप्रथम पूर्ति की जाएगी।

यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत सामग्री की व्यवस्था

  • इस योजना के अंतर्गत पीवीसी पाइप का प्रयोग किया जाएगा।
  • एमएस पाइप का उपयोग केवल उन क्षेत्रों में किया जाएगा जहां हाइड्रोजियोलॉजिकल परिस्थितियों के कारण पीवीसी पाइप का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
  • एसएम पाइप का प्रयोग ऐसे जिलों में चिन्हित क्षेत्रों के संबंधित अधीक्षण अभियंता लघु सिंचाई वृत से अनुमोदन प्राप्त करके किया जाएगा।
  • पीवीसी पाइप से होने वाली बोरिंग के लिए पीवीसी पाइप एवं अन्य सामग्री की व्यवस्था कृषकों द्वारा की जाएगी।
  • जिलाधिकारी के अंतर्गत एक समिति का गठन किया जाएगा जिसके माध्यम से अनुदान स्वीकृति करने हेतु पीवीसी पाइप तथा अन्य सामग्री की दरें निर्धारित की जाएगी।

यूपी निशुल्क बोरिंग योजना का क्रियान्वयन

UP Free Boring Yojana की अनुदान स्वीकृति के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे। इस समिति में मुख्य विकास अधिकारी, अधिशासी अभियंता, अधिशासी अभियंता (नलकूप खंड सिंचाई विभाग) जिलाधिकारी द्वारा नामित अन्य दो अधिकारी शामिल होंगे। इस समिति द्वारा इस योजना के अंतर्गत अनुदान की स्वीकृति प्रदान की जाएगी। इसके अलावा अन्य सामग्री की दरें भी निर्धारित की जाएंगी। अवर अभियंता बोरिंग का कार्य विभागीय बोरिंग टेक्नीशियन के द्वारा करवाएंगे।

बोरिंग करते समय इस योजना के अंतर्गत जारी किए गए निर्देश एवं वित्तीय नियमों का पालन किया जाएगा। बोरिंग की प्रक्रिया पूरी होने पर बोरिंग कार्य पूर्ति प्रमाण पत्र तैयार किया जाएगा। जिस पर लाभार्थी, बोरिंग टेक्निशियन, संबंधित अवर अभियंता और प्रधान ग्राम पंचायत के हस्ताक्षर होंगे। पूर्व बोरिंग की सूची अवर अभियंता द्वारा ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर एवं सार्वजनिक स्थल पर प्रदर्शित की जाएगी। इसके अलावा यह सूची क्षेत्र पंचायत की बैठक में भी प्रस्तुत की जाएगी।

पंपसेट स्थापना एवं अनुदान स्वीकृति

  • सभी श्रेणी के कृषकों के लिए बोरिंग पर पंपसेट स्थापित करने के लिए बैंक से ऋण लेने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।
  • कृषक चाहे तो बैंक से ऋण ले सकता है ।
  • अनुदान दिए जाने के पश्चात बैंक द्वारा निर्धारित रूप पत्र पर समयोजना की कृषक वार मासिक सूचना लघु सिंचाई विभाग को प्रदान की जाएगी।
  • अनुदान की अगली किस्त की धनराशि बैंक को तभी दी जाएगी जब पूर्व में उपलब्ध कराए गए अग्रिम अनुदान राशि का समायोजन प्राप्त हो गया हो।
  • किसान द्वारा स्थापित किया गया पंप स्टेट की स्थापना से संबंधित जानकारी पत्रवली बनाने वाले ग्राम पंचायत विकास अधिकारी अथवा अन्य अधिकारी को प्रदान की जाएगी। यह जानकारी ऋण वितरण होने के 1 माह के अंदर अंदर प्रदान की जाएगी।
  • ऋण की राशि की पूरी वसूली होने तक किसान द्वारा पंप सेट को बेचा नहीं जा सकता।
  • विभागीय अधिकारी द्वारा पंप सेट का सत्यापन दो माह के अंतर्गत किया जाएगा।
  • सत्यापन के दौरान यदि अनुदान के गलत उपयोग की जानकारी सामने आती है तो इस स्थिति में इस बात की सूचना अधिशासी अभियंता, संबंधित बैंक जिला अधिकारी तथा मुख्य अभियंता (लघु सिंचाई विभाग) को प्रदान की जाएगी।
  • यदि अनुदान का गलत उपयोग होता है तो कृषक से अनुदान की राशि की वसूली की जाएगी और फिर वसूली गई राशि सिंचाई विभाग को वापस प्रदान की जाएगी।
  • अनुदान की राशि का दुरुपयोग होने की स्थिति में अनुदान की राशि यदि कृषक वापस नहीं करता है तो ऐसे मामलों को शासन द्वारा विशेष गंभीरता से लिया जाएगा।
  • लाभार्थी द्वारा आई एस आई मार्क का पंपसेट बाजार में किसी भी पंप सेट निर्माता के अधिकृत विक्रेता से खरीदा जा सकता है।
  • यदि कृषक अधिक क्षमता वाला पंपसेट लेना चाहता है तो बोरवेल की क्षमता पंप सेट की क्षमता के अनुसार निर्धारित की जाएगी।
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गुणवत्ता नियंत्रण एवं भौतिक सत्यापन

  • योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए समयबद्ध ढंग से निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों की पूर्ति की जाएगी।
  • इसके अलावा गुणवत्ता का उच्च स्तर भी बनाया रखा जाएगा।
  • योजना की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विभिन्न स्तरों पर सत्यापन, जांच एवं निरीक्षण का कार्य किया जाएगा।
  • सत्यापन की कार्यवाही करते हुए सत्यापन रिपोर्ट अधीक्षण अभियंता द्वारा प्रत्येक महा अपनी समीक्षात्मक टिप्पणी सहित मुख्यालय में जमा की जाएगी।
  • इस योजना के अंतर्गत निर्मित कार्यों का सत्यापन ग्राम पंचायत की जल संसाधन समिति के माध्यम से किया जाएगा।
  • बोरिंग पूर्ण होने के बाद इस बात की सूचना ग्राम प्रधान एवं जल संसाधन समिति को प्रदान की जाएगी।
  • विभागीय अधिकारी संबंधित ग्राम में पूर्ण समस्त बोरिंग का स्थलीय सत्यापन करेगा।
  • बोरिंग कार्य की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए लघु सिंचाई विभाग के विभिन्न स्तरों के अधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाएगा।

यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के सामान्य निर्देश

  • खंड विकास अधिकारी तथा लाभार्थी कृषक को मॉडल प्रक्कालन की प्रतियां उपलब्ध करवाई जाएंगी।
  • इस योजना के सभी प्रावधान से संबंधित जानकारी लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत में प्रदर्शित किए जाएंगे।
  • बोरिंग का कार्य आरंभ होने से पहले कृषि ग्राम प्रधान जल संसाधन समिति के अध्यक्ष को अवगत करने की व्यवस्था की जाएगी।
  • बोरिंग प्रारंभ होने की तिथि पर एक छोटे से कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें लाभार्थी, ग्राम प्रधान, जल संसाधन समिति की सदस्य अथवा अन्य ग्रामवासी उपस्थित होंगे।
  • जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी एवं क्षेत्र पंचायत स्तर पर खंड विकास अधिकारी का दायित्व लाभार्थियों के चयन तथा ऋण लेने के इच्छुक कृषकों को ऋण स्वीकृति करने के स्तर तक की समस्त निर्धारित प्रक्रियाओं को पूर्ण करना है।

यूपी निशुल्क बोरिंग योजना की पात्रता

  • आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए।
  • आवेदक किसान होना चाहिए।
  • किसान के पास न्यूनतम जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर होनी चाहिए।
  • यदि कृषक के पास न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर की जोत सीमा नहीं है तो किसान समूह बनाकर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकता है।
  • इस योजना का लाभ केवल तभी प्राप्त किया जा सकता है जब किसान द्वारा किसी अन्य सिंचाई योजना का लाभ नहीं प्राप्त किया गया हो।

महत्वपूर्ण दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • आयु का प्रमाण
  • राशन कार्ड
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
  • मोबाइल नंबर

यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया

  • अब आपके सामने होम पेज खुल कर आएगा।
  • होम पेज पर आपको योजनाएं के विकल्प पर क्लिक करना होगा।

 

  • इसके पश्चात आपको आवेदन पत्र के विकल्प पर क्लिक करना होगा।

  • अब आपके सामने पीडीएफ फॉर्मेट में ऑनलाइन आवेदन पत्र खुल कर आएगा।
  • अब आपको इसका प्रिंट आउट निकालना होगा।
  • इसके पश्चात आपको आवेदन पत्र में पूछे गई सभी महत्वपूर्ण जाकर जैसे की आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पता आदि दर्ज करना होगा।
  • अब आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को इस आवेदन पत्र से अटैच करना होगा।
  • इसके पश्चात आपको यह आवेदन पत्र नजदीकी लघु सिंचाई विभाग में जमा करना होगा।
  • इस प्रकार आप यूपी निशुल्क बोरिंग योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकेंगे।