Swachh Survekshan 2021 | स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 का आरम्भ | स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 लाभ व सभी जानकारी | Swachh Survekshan 2021 In Hindi
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 की शुरुआत केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी जी और केंद्रीय सरकार के द्वारा शुक्रवार को स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत की गयी है। इस सर्वेक्षण के अंतर्गत इस साल कवायद में अपशिष्ट जल के निस्तारण और अन्य मापदंडों पर ध्यान दिया जायेगा। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के मुताबिक Swachh Survekshan के तहत राज्यों की रैंकिंग की भी घोषणा होगी।व्यवहार परिवर्तन को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाने के लिए हर साल, स्वच्छ सुरक्षण को नवीन रूप से नया रूप दिया जाता है। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे है अतः हमारे इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़े।
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Swachh Survekshan 2021
इस साल Swachh Survekshan का 6 वा संस्करण है। इस साल, केंद्रीय सरकार द्वारा पुरस्कार की नई श्रेणी की घोषणा भी की गयी है जिसका नाम है प्रेरक दाउर सम्मान।इस सम्मान के तहत पांच अतिरिक्त उप श्रेणी -दिव्य (प्लैटिनम), अनुपम (गोल्ड), उज्जवल (सिल्वर), उदित (ब्रॉन्ज), आरोही (एस्पायरिंग) होगी। इस Swachh Survekshan के अंतर्गत हर वर्ष नयी आयामों को शामिल किया जाता है इस वर्ष भी Swachh Survekshan 2021 में नयी आयामों को शामिल किया गया है केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरीजी का कहना है की ‘पिछले वर्ष की तरह स्वच्छता कड़ी की निरंतरता सुनश्चित करने की दिशा में मंत्रालय के प्रयासों के तहत स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 का संकेतक अपशिष्ट जल के निस्तारण और फिर से इसे इस्तेमाल योग्य बनाने पर केंद्रित होगा।
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स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 का उद्देश्य
जैसे की आप सभी लोग जानते है आज भी बहुत से कैसे शहर और कस्बे है जहा पर सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है। जिसकी वजह के देश में बीमारिया बढ़ती जा रही है इस समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 को शुरू किया जायेगा। इस स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के अंतर्गत गीले, शुष्क और खतरनाक अपशिष्ट को अलग करने, गीले अपशिष्ट के निपटान की प्रक्रिया, गीले और शुष्क अपशिष्ट का निपटान और पुनर्चक्रण, निर्माण मलबा का निस्तारण, कचरा स्थल पर फेंके जाने वाले कचरा की मात्रा और शहरों की सफाई की स्थिति पर गौर किया जाएगा । जिससे देश को स्वच्छ रखा जा सके। मंत्रालय ने कहा कि ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2020’ में 1.87 करोड़ नागरिकों की भागीदारी हुई थी। Swachh Survekshan 2021 के ज़रिये इस वर्ष भी अपने शहर को स्वच्छ बनाने में निगम का पूरा सहयोग करे।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के लाभ व सभी जानकारी
- यह स्वच्छ भारत सर्वेक्षण देश भर के सभी शहरों और कस्बों में किया जाएगा।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में कचरा मुक्त और खुले में शौच मुक्त शहरों पर ध्यान दिया जाएगा।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के अंतर्गत संकेतक अपशिष्ट जल उपचार से संबंधित मापदंडों को भी सुधारा जायेगा।
- Swachh Survekshan 2021 का एक प्रमुख फोकस हमेशा नागरिक सहभागिता पर रहा है। इस वर्ष, नागरिक केंद्रित ध्यान में काफी वृद्धि हुई है क्योंकि नागरिकों और उनके योगदान शहर के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के नेतृत्व में नवाचारों के लिए अंक आवंटित किए जाएंगे।
- पिछले तीन सालों से स्वच्छ सर्वेक्षण को पूरी तरह से डिजिटल बना दिया गया है। स्वच्छ भारत मिशन में अब 15 इन-हाउस और 10 थर्ड पार्टी एप्लिकेशन हैं जो विकसित किए गए हैं और वर्तमान में स्वच्छ भारत मिशन के लिए चल रहे हैं।
- Swachh Survekshan 2020’ में 1.87 करोड़ नागरिकों की भागीदारी हुई थी। वर्ष 2018 का स्वच्छता सर्वेक्षण विश्व का सबसे बड़ा सर्वेक्षण था । इसमें 4203 शहरों की रैंकिंग की गयी थी ।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2019, जिसने न केवल 4,237 शहरों को कवर किया, बल्कि 28 दिनों के रिकॉर्ड समय में पूरी तरह से पूरी तरह से डिजिटल सर्वेक्षण भी पूरा किया।
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प्रेरक दाउर सम्मान
प्रायरक दाउर सम्मान की 5 अतिरिक्त उप श्रेणियां हैं जो इस प्रकार हैं: –
- दिव्या (प्लेटिनम)
- अनुपम (स्वर्ण)
- उज्जवल (रजत)
- उदित (कांस्य)
- आरोही (आकांक्षी)
उपर्युक्त प्रत्येक श्रेणी में, शीर्ष 3 शहरों को मान्यता दी जाएगी जो प्रेरक दाउर सम्मान के लिए पात्र होंगे।
स्वच्छ सर्वेक्षण के अंतर्गत शहर संकेतक का वर्गीकरण
सर्वेक्षण 6 सूचक-वार प्रदर्शन मानदंडों के आधार पर शहरों को वर्गीकृत करेगा, जिसकी पूरी जानकारी हमने नीचे दी हुई है आप इसे विस्तारपूर्वक पढ़े। और देश की स्वछता में अपने भागदारी दे।
- कचरे को गीला, सूखा और खतरनाक श्रेणियों में विभाजित करना।
- उत्पन्न गीले कचरे के खिलाफ प्रसंस्करण क्षमता।
- गीले और सूखे कचरे का प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण।
- निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) अपशिष्ट प्रसंस्करण।
- लैंडफिल में जाने वाले कचरे का प्रतिशत।
- शहरों की स्वच्छता स्थिति।